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चीन की deepseek कंपनी ने ChatGPT जैसा एआई प्रोडक्ट R1 लॉन्च किया

आखरी अपडेट:

DeepSeek Panic: अमेरिका की बादशाहत को चीन की एआई कंपनी डीपसीक ने कड़ी चुनौती दी है. डीपसीक ने बेहद कम खर्च में R1 एआई प्रोडक्ट लॉन्च किया है, जिससे अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है. अमेरिका में एक तरह स…और पढ़ें

चीन कंपनी के इस आविष्कार से अमेरिका में कोहराम मच गया है.

हाइलाइट्स

  • डीपसीक के आर1 एआई प्रोडक्ट ने अमेरिका में कोहराम मचाया.
  • अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई.
  • ट्रंप समर्थक मार्क एंड्रीसन ने डीपसीक की प्रशंसा की.

पचासों साल से अमेरिका दुनिया में बादशाह की हैसियत रखता है. इसमें कोई शक नहीं है. पहले और दूसरे विश्व युद्ध में उसकी बादशाहत को हर किसी ने देखा था. इसके बाद दुनिया बदली और शीत युद्ध के दौर में सोवियत संघ ने उसकी बादशाहत को चुनौती दी. उसने सैन्य के साथ साइंस और टेक्नोलॉजी की दुनिया में उसकी बादशाहत को कड़ी टक्कर दी. इस रेस में कई बार सोवियत संघ ने अमेरिका को मात भी दिया. इसी में से एक है स्पूतनिक मूवमेंट. दरअसल, 1950-60 के दशक में सोवियत संघ (मौजूदा रूस) और अमेरिका के बीच समंदर की गहराइयों से लेकर आसमां की ऊंचाइयों तक हर एक सेक्टर में कांटे की टक्कर थी. अंतरिक्ष में दोनों मुल्क अंधी दौड़ लगा रहे थे. इसी क्रम में सोवियत संघ, जो 1991 में विघटित हो गया और उसकी जगह रूस ने लिया, ने बाजी मार ली. इस क्रम में रूस ने 1957 में दुनिया का पहला सैटेलाइट स्पूतनिक 1 लॉन्च कर दिया. उस वक्त अमेरिका पिछड़ गया. अमेरिका ने 1958 में अपना पहला सैटेलाइट एक्सप्लोरर लॉन्च किया.

मौजूदा वक्त में रूस की तरह चीन ने भी बड़ा खेल किया है. चीन इस वक्त मौजूदा वर्ल्ड ऑर्डर में अमेरिका की बादशाहत को कड़ी टक्कर दे रहा है. सोवियत यूनियन के बिखरने के बाद वैश्विक व्यवस्था में बने वैक्यूम को उसने बखूबी भर दिया है. दरअसल, आज इस चर्चा के पीछे का तथ्य यह है कि चीन के एक नन्हें स्टार्टअप डीपसीक (DeepSeek) ने अमेरिका में कोहराम मचा दिया है. डीपसीक एक एआई कंपनी है जो मात्र एक साल पुरानी है. इस कंपनी ने पिछले हफ्ते एक चौंकाने वाली घोषणा की. उसने ChatGPT की तरह एक एआई प्रोडक्ट R1 लॉन्च किया है. यह R1 तमाम दिग्गज कंपनियों जैसे OpenAI, Google या फिर Meta के एआई मॉडल्स की तुलना में काफी कम खर्च में बनकर तैयार हुआ है.

कंपनी का कहना है कि इसके बेस मॉडल को बनाने में सिर्फ 56 लाख अमेरिका डॉलर (करीब 48 करोड़) खर्च हुए हैं. जबकि अमेरिकी कंपनियों के एआई प्रोडक्ट पर अरबों डॉलर की राशि खर्च हो रही है. यहां तक आपको लग रहा होगा कि इसमें क्या नई बात है. चीन का बिजनेस मॉडल ही यही है. वह बेहद सस्ती चीजें बनाता है. लेकिन थोड़ ठहरिए और नीचे की खबर पढ़िए.

अमेरिका में कोहराम
DeepSeek की वजह से अमेरिका में कोहराम मचा हुआ है. यह हम नहीं बल्कि अमेरिकी बाजार कह रहे हैं. डीपसीक के दावे के बाद सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजार में भूचाल आ गया. टेक कंपनियों के सूचकांक नैस्डॉक (Nasdaq) में 3.1 प्रतिश की गिरावट आई, जबकि एसएंडपी सूचकांक में 1.5 फीसदी की गिरावट देखी गई. हालांकि डाऊ जोंस सूचकांक 289 अंक बढ़कर लगभग 0.7% चढ़ा. फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह इस साल एआई के विकास पर 65 बिलियन डॉलर से अधिक खर्च करेगी. ओपन एआई के सीईओ सैम अल्टमन ने पिछले साल कहा था कि एआई इंडस्ट्री को इन-डिमांड चिप्स के लिए ट्रिलियन डॉलर का निवेश चाहिए.

ट्रंप के करीबी ने कही बड़ी बात
टेक कंपनियों में निवेशक करने वाले और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थक मार्क एंड्रीसन ने डीपसीक को अब तक के सबसे अद्भुत और प्रभावशाली आविष्कारों में से एक बताया है. उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाला डेवलपमेंट इसलिए भी हैरान करने वाला है क्योंकि अमेरिका लंबे समय से राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से चीन को हाई पावर एआई चिप्स की आपूर्ति सीमित करने की कोशिश कर रहा था. इसका मतलब यह है कि डीपसीक ने यह उपलब्धि बहुत कम खर्च में लो पावर एआई चिप्स पर ही हासिल कर ली है.

टेक शेयरों में भारी गिरावट
निविडिया (Nvidia) एआई चिप्स की आपूर्ति करने वाली प्रमुख कंपनी है. डीपसीक के आने की घोषणा के बाद इसके शेयर में करीब 17 फीसदी की गिरावट आई है. इस कंपनी के बाजार मूल्य में 588.8 बिलियन डॉलर की कमी आई है. यह अब तक का रिकॉर्ड है. एक दिन में किसी भी कंपनी के शेयर में इतनी बड़ी गिरावट नहीं देखी गई है. करीब तीन साल पहले मेटा की बाजार पूंजी में एक दिन में 240 बिलियन डॉलर की गिरावट आई थी. यह गिरावट उससे भी करीब दोगुनी है.

होमनवेज

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