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जिनके चलते हमारे अपनों को लगी हथकड़ी, उन कबूतरबाजों की खैर नहीं, जयशंकर की हुंकार तो सुनिए

आखरी अपडेट:

EAM Jaishankar on US deportation of Indian migrants News: अमेरिका से 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को हथकड़ी में भेजे जाने पर संसद में हंगामा हुआ. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्थिति स्पष्ट की और कबूतरबाजों पर कार्रव…और पढ़ें

राज्यसभा में जयशंकर ने अवैध भारतीय प्रवासियों पर दिया जवाब

हाइलाइट्स

  • अमेरिका से 104 अवैध भारतीय प्रवासी डिपोर्ट किए गए.
  • जयशंकर ने कबूतरबाजों पर कार्रवाई की चेतावनी दी.
  • संसद में डिपोर्ट भारतीयों पर हंगामा हुआ.

नई दिल्ली: अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों पर बवाल है. बवाल डिपोर्ट किए जाने पर नहीं. उसके तरीकों पर है. अमेरिका ने सैन्य विमान से 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को भारत भेजा. कहा जा रहा है कि हमारे अपनों को हथकड़ी और बेड़ियों में लाया गया. विपक्ष इसे लेकर आवाज उठा रहा है. संसद में हंगामा तक मचा दिया. इससे चलते विदेश मंत्री एस जयशंकर को मोर्चा संभालना पड़ा. वह राज्यसभा में आए और सभी सवालों का चुन-चुनकर जवाब दिया. अमेरिकी डिपोर्टेशन पर उन्होंने भारत की स्थिति साफ कर दी. इस दौरान उन्होंने उन कबूतरबाजों को भी खबरदार कर दिया, जिनकी वजह से हमारे अपनों के हाथों में हथकड़ियां लगीं.

जी हां, अमेरिका से डिपोर्ट किए गए ये 104 भारतीय बुधवार को अमृतसर पहुंचे. इनमें हरियाणा, पंजाब और गुजरात के ज्यादा लोग थे. जैसे ही इनके हाथों में हथकड़ी लगने की खबर फैली, संसद तक हंगामा मच गया. इसके बाद जयशंकर आए और सारे सवालों का जवाब दिया. उन्होंने साफ कह दिया कि यह पहली बार नहीं है. उन्होंने डेटा दिखाकर बताया कि पहले भी अमेरिका से ऐसे ही अवैध प्रवासी भारतीय डिपोर्ट किए जाते रहे हैं. हालांकि, इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसी बातें कहीं, जिन पर गौर करने की जरूरत है.

जयशंकर ने कर दिया खबरदार
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन एजेंटों को चेता दिया, जिन्होंने मोटा पैसा कमाने के लिए लोगों को डंकी रूट के चक्रव्यूह में धकेला. जयशंकर ने कहा कि हमने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अमेरिका से डिपोर्ट किए गए सभी लोगों के साथ बैठा जाए. उनसे बात की जाए और पता लगाया जाए कि आखिर अमेरिका ये लोग कैसे गए. उन्हें किन एजेंटों ने भेजा, वे कौन थे और कहां के हैं. माना जा रहा है कि सरकार इस नेटवर्क को ध्वस्त करने पर अब नए सिरे से काम शुरू कर सकती है.

कबूतरबाजों पर होगा एक्शन
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा, ‘ सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रही है कि डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न हो. सदन इस बात को समझेगा कि हमारा ध्यान वैध यात्रियों के वीजा को आसान बनाने के लिए कदम उठाते समय अवैध आव्रजन उद्योग पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों की जानकारी के आधार पर कानून प्रवर्तन एजेंसियां एजेंटों और ऐसी एजेंसियों के खिलाफ आवश्यक, निवारक और अनुकरणीय कार्रवाई करेंगी.

डेटा से समझाया कि यह पहली बार नहीं.
जयशंकर ने कहा कि अमेरिका से भारतीयों को निर्वासित किए जाने की प्रक्रिया नई नहीं है. यह सभी देशों का दायित्व है कि अगर उनके नागरिक विदेशों में अवैध रूप से रह रहे हैं तो उन्हें वापस ले. ‘यह नीति केवल एक देश पर लागू नहीं है. निर्वासन की प्रक्रिया कोई नयी नहीं है, यह कई वर्षों से है. उन्होंने कहा कि साल 2009 में 734, साल 2010 में 799, साल 2011 में 597, साल 2012 में 530 भारतीयों को निर्वासित किया गया. उन्होंने इस संबंध में 2024 तक के आंकड़े साझा किए.

कहां के कितने डिपोर्टी?
दरअसल, 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों के पहले जत्थे को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को पंजाब के अमृतसर पहुंचा. इनमें सबसे ज्यादा 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात से हैं. कुल 30 निर्वासित लोग पंजाब के निवासी थे. अमेरिकी सेना का सी-17 विमान कड़ी सुरक्षा के बीच श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरा. इनमें उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से तीन-तीन और चंडीगढ़ से दो लोग हैं. निर्वासित लोगों में 25 महिलाएं और 12 नाबालिग शामिल हैं, जिनमें सबसे कम उम्र का यात्री सिर्फ चार साल का है. 48 लोग 25 साल से कम उम्र के हैं.

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