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डोनाल्ड ट्रंप की गाजा पट्टी पर नियंत्रण की घोषणा: कानून और प्रतिक्रियाएं

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ये कहकर दुनियाभर में तहलका मचा दिया है कि अमेरिका गाजा पट्टी को अपने कंट्रोल में ले सकता है. अंतरराष्ट्रीय कानून इस बारे में क्या कहते हैं और फिलहाल गाज़ा की आधिकारिक स्थिति …और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • ट्रंप ने गाजा पर अमेरिकी नियंत्रण की बात करके क्यों फैलाई सनसनी
  • क्या वाकई ट्रंप कर सकते हैं गाज़ा पट्टी पर कंट्रोल
  • इंटरनेशनल कानून क्यों ट्रंप की इस बात के खिलाफ जाते हैं

4 फरवरी को जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ जब प्रेस के सामने मुखातिब हुए तो उन्होंने ये कह कर सभी को चौंका दिया कि अमेरिका गाजा पर कंट्रोल कर सकता है. जब उन्होंने इस प्रस्ताव की घोषणा की तो उन्होंने अपने ही व्हाइट हाउस और सरकार के वरिष्ठ सदस्यों को भी चौंका दिया. अब सवाल ये है कि क्या वाकई अमेरिका ऐसा कर सकता है. इससे संबंधित अंतरराष्ट्रीय कानून क्या कहते हैं. ये प्रस्ताव कैसे काम करेगा. अमेरिका उस जगह को कंट्रोल में लेकर करेगा क्या.

सबसे बड़ा सवाल यही है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत फिलिस्तीनी क्षेत्र पर कब्ज़ा करना कैसे उचित होगा? और दो मिलियन यानि 20 लाख के करीब शरणार्थियों का क्या होगा? आइए इस बारे में हम सवाल – जवाब के जरिए सबकुछ जानेंगे और ये भी जानेंगे कि गाजा पट्टी का आधिकारिक दर्जा क्या है, क्या वह देश है, क्या कोई दूसरा देश उस पर कब्जा कर सकता है.

सवाल – डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा को लेकर जो घोषणा की, क्या उसके बारे में अमेरिका ने वाकई गंभीरतापूर्वक सोचा है या ये केवल ट्रंप के दिमाग की उपज है?
– न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि उनकी इस घोषणा पर लगता नहीं कि कोई होमवर्क किया गया है. हालांकि उनकी घोषणा औपचारिक और सोची-समझी लग रही थी. उन्होंने योजना को कागज के एक पन्ने से पढ़ा. लेकिन ये माना जा रहा है कि उनके प्रशासन ने इस विचार की व्यवहार्यता की जांच करने के लिए सबसे बुनियादी योजना भी नहीं बनाई थी. शायद ये बात इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को भी नहीं मालूम थी.

सवाल – क्या इस बारे में ट्रंप ने संबंधित विभागों के साथ कोई मीटिंग की थी?
– नहीं. अमेरिकी सरकार के अंदर विदेश विभाग या पेंटागन के साथ उनकी इस बारे में कोई बैठक नहीं हुई. जो आमतौर पर किसी भी गंभीर विदेश नीति प्रस्ताव के लिए होती है.

सबसे बड़ा सवाल यही है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत फिलिस्तीनी क्षेत्र पर कब्ज़ा करना कैसे उचित होगा. (reuters)

सवाल – क्यों ट्रंप गाजा पट्टी पर कंट्रोल करना चाहते हैं?
– उन्होंने ये कहा, अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्ज़ा करेगा और हम भी इस पर काम करेंगे. हम इस पर अपना अधिकार करेंगे. साइट पर मौजूद सभी ख़तरनाक बमों और अन्य हथियारों को नष्ट करने के लिए ज़िम्मेदार होंगे. साइट को समतल करेंगे. नष्ट हुई इमारतों को हटा देंगे. इसे समतल करेंगे.

सवाल – अमेरिका में ट्रंप की इस बात पर क्या प्रतिक्रिया हुई है और अमेरिका के बाहर क्या?
– ट्रंप के गाजा पर कब्ज़ा करने के विचार ने इजरायल में कट्टर दक्षिणपंथी लोगों और अमेरिका के इजरायल समर्थक समुदाय के कुछ लोगों को खुश कर दिया. इजरायली सरकार लंबे समय से फिलिस्तीनियों से गाजा को वापस लेना चाहती थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस भूमि का इस्तेमाल इजरायल के खिलाफ आतंकवादी हमलों को शुरू करने के लिए न किया जा सके. जबकि अमेरिका और अमेरिका के बाहर भी इसके खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया हुई है. इस प्रस्ताव को बेतुका बता दिया गया है.कई फिलिस्तीनी अमेरिकियों ने कहा कि गाजा पट्टी से लाखों लोगों को निष्कासित करने और उसे अमेरिकी नियंत्रण में रखने का विचार भयावह और बेतुका है.

सवाल – गाजा पट्टी की आधिकारिक स्थिति क्या है, क्या ये एक देश है या संप्रभु क्षेत्र है?
– गाजा पट्टी (Gaza Strip) की आधिकारिक स्थिति एक जटिल और विवादित मुद्दा है. वर्तमान में, गाजा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक स्वतंत्र देश या संप्रभु क्षेत्र के रूप में मान्यता नहीं मिली है. हालांकि ये भी कहा जाता है. वैसे गाजा फिलिस्तीन का हिस्सा माना जाता है. फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्य देश एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देते हैं.इसे संयुक्त राष्ट्र में 2012 से एक “गैर-सदस्य पर्यवेक्षक राज्य” का दर्जा प्राप्त है. हालांकि फिलिस्तीन की संप्रभुता अभी विवादित है और इसे पूर्ण रूप से मान्यता नहीं मिली है. गाजा पर 2007 से इस्लामिस्ट संगठन हमास का नियंत्रण है, जो फिलिस्तीनी अधिकार प्राधिकरण (PA) के विपरीत एक अलग समूह है. PA का नियंत्रण केवल वेस्ट बैंक तक सीमित है.

इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. ट्रंप के गाजा पर कब्ज़ा करने के विचार ने इजरायल में कट्टर दक्षिणपंथी लोगों और अमेरिका के इजरायल समर्थक समुदाय के कुछ लोगों को खुश कर दिया. (फाइल फोटो)

सवाल – गाजा पर किस तरह इजरायल का नियंत्रण रहता है?
– गाजा की सीमाएं, हवाई क्षेत्र, और समुद्री पहुंच पर इजरायल का सैन्य नियंत्रण बना हुआ है. 2005 में इजरायल ने गाजा से अपनी बस्तियां और सैन्य उपस्थिति हटा ली, लेकिन अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार, गाजा अभी भी “कब्जे वाला क्षेत्र” माना जाता है. मिस्र भी गाजा की दक्षिणी सीमा (राफाह क्रॉसिंग) पर नियंत्रण रखता है. एक तरह से देखें तो फिलिस्तीन के लोग एक जमाने में इजरायल के इलाके से लेकर गाजा और मिस्र के नियंत्रण वाले इलाके फैले थे. ये पूरा एक देश था लेकिन अब इस धरती पर उनकी स्थिति अजीब सी है.
बेशक गाजा को किसी भी देश या संयुक्त राष्ट्र द्वारा संप्रभु राज्य के रूप में स्वीकार नहीं किया है. हालांकि फिलिस्तीन राज्य को 138 UN सदस्य देशों द्वारा मान्यता दी गई है, लेकिन यह मान्यता गाजा और वेस्ट बैंक दोनों को एक इकाई के रूप में देखती हैं.

सवाल – हमास के नेतृत्व वाली सरकार को कोई सरकार वैध क्यों नहीं मानती?
– हमास को अमेरिका, यूरोपीय संघ, और इजरायल सहित कई देशों द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है. इसके कारण, हमास के नेतृत्व वाली गाजा सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैधता नहीं मिली है.

सवाल – क्या अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार अमेरिका गाजा पर कंट्रोल कर सकता है?
– नहीं. अमेरिका किसी स्वतंत्र क्षेत्र पर सीधा नियंत्रण नहीं कर सकता जब तक कि वह अंतरराष्ट्रीय संधियों या सैन्य कब्जे के माध्यम से न हो. संयुक्त राष्ट्र चार्टर किसी भी देश द्वारा दूसरे क्षेत्र पर जबरन कब्जा करने या शासन करने की अनुमति नहीं देता.

जिनेवा संधि में जबरन सैन्य कब्जे और अवैध रूप से नियंत्रण को युद्ध अपराध माना जा सकता है

जिनेवा संधि में जबरन सैन्य कब्जे और अवैध रूप से नियंत्रण को युद्ध अपराध माना जा सकता है. गाजा पर वर्तमान में हमास का प्रशासन है. ये क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष का केंद्र रहा है. अमेरिका का वहां सीधा प्रशासन स्थापित करना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित और असंवैधानिक होगा. ऐसा कदम न केवल अमेरिका की वैश्विक साख को नुकसान पहुंचाएगा बल्कि उसे मध्य पूर्व में बड़े प्रतिरोध और शायद ईरान व अन्य इस्लामिक समूहों से टकराव का सामना करना पड़ेगा.

सवाल – क्या ट्रंप ये तो नहीं चाहते कि इजरायल ही गाजा पर पूर्ण सैन्य नियंत्रण कर ले?
– ट्रंप के जो बयान आए हैं, उससे लगता है कि वह इजरायल और गाजा के बीच अस्थायी युद्ध विराम के बाद शांति के पक्ष में नहीं हैं. वह इसके बाद इजरायली कार्रवाई का समर्थन करते लगते हैं. लिहाजा ये हो सकता है कि वह गाजा में इजरायल के पूर्ण सैन्य नियंत्रण के पक्ष में हों. उसका समर्थन भी कर दें. हालांकि, इजरायल के लिए भी गाजा पर पूर्ण नियंत्रण बनाना कठिन है, क्योंकि वहां हमास और अन्य उग्रवादी गुटों का मजबूत आधार है.

सवाल – अमेरिका और किस तरह गाजा पट्टी में अपनी मौजूदगी बना सकता है?
– अमेरिका संयुक्त राष्ट्र या नाटो के तहत “शांति मिशन” (Peacekeeping Mission) के नाम पर गाजा में सैन्य उपस्थिति बना सकता है, इसके जरिए अप्रत्यक्ष नियंत्रण कर सकता है. इस कदम को क्षेत्रीय देशों, खासकर अरब देशों और फिलिस्तीनी प्रशासन द्वारा कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा. अमेरिका की योजना ये भी हो सकती है कि गाजा में भविष्य में कोई अमेरिकी समर्थित नई सरकार बनाने की कोशिश करे. ये रास्ता ही अमेरिका के लिए ज्यादा बेहतर लगता है, ऐसा वह तमाम देशों में करके अपने लिए माकूल सरकार बनाता रहता आया है.

सवाल – गाजा को फिर से बनाने में कौन पैसा देगा और कौन मदद करेगा?
– ये बात अंतरराष्ट्रीय राजनीति, क्षेत्रीय हितों और कूटनीतिक समीकरणों पर निर्भर करेगा. क्योंकि इस समय गाजा का पुनर्निमाण होना है, वह मलबे के ढेर में तब्दील हो चुका है. इसमें अरब और कतर की भूमिका हो सकती है.
– कतर पहले भी गाजा के पुनर्निर्माण में अरब देशों में सबसे आगे रहा है. संभावना है कि कतर आर्थिक सहायता देगा.
– सऊदी अरब और यूएई जैसे देश भी मानवीय सहायता दे सकते हैं, लेकिन हमास से उनके रिश्ते तनावपूर्ण हैं, इसलिए वे सीधे नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र या अन्य संगठनों के जरिए मदद कर सकते हैं.
– तुर्की और ईरान फिलिस्तीन समर्थक हैं और मानवीय सहायता दे सकते हैं, लेकिन अमेरिका और इजरायल से इनके संबंध खराब होने के कारण इनकी भूमिका सीमित हो सकती है.
– संयुक्त राष्ट्र (UN) और यूरोपीय संघ (EU) मानवीय आधार पर राहत और पुनर्निर्माण के लिए धन मुहैया करा सकते हैं.
– अमेरिका मानवीय सहायता देने का ऐलान कर सकता है, लेकिन शायद ये फिलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) के माध्यम से भेजा जाएगा, न कि सीधे हमास को
– यूरोपियन देश जर्मनी, फ्रांस, नॉर्वे जैसे देश मानवीय आधार पर राहत भेज सकते हैं.
साथ ही संयुक्त राष्ट्र की संस्थाएं, रेडक्रास और एनजीओ भी मानवीय सहायता में मदद कर सकते हैं, जैसे चिकित्सा और आपातकालीन राहत.

होमनवेज

Explainer:अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार क्या ट्रंप गाजा पर कंट्रोल कर सकते हैं



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