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भारतीय सेना को अपाचे हेलिकॉप्टर की डिलिवरी में फिर देरी, अमेरिका ने डेडलाइन मिस की

आखरी अपडेट:

APACHE NEWS: सरकार की तरफ से 39 अपाचे खरीदने के लिए मंजूरी दी गई थी. वायुसेना के लिए 2015 में हुई अपाचे की डील पर दस्तखत के बाद सरकार ने तय किया कि अब जो भी अपाचे हेलिकॉप्टर की खरीद होगी वह थलसेना के पास जाएंगे…और पढ़ें

लंबा हो गया इंतेजार..

Apache News: भारतीय सेना अपने आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही है. सेना की कोशिश है ज्यादा से ज्यादा खरीद स्वदेशी कंपनियों से ही हो. ऐसा नहीं है कि विदेशों से खरीद बिलकुल बंद कर दी गई है. सेना की ताकत को बढ़ाने के लिए अगर जरूरी है तो वह खरीद विदेशों से की जा सकती है. उसी के तहत थल सेना ने अपने एवियेशन कोर के लिए दुनिया के सबसे ताकतवर अटैक हेलिकॉप्टर AH 64 अपाचे खरीद की है. भारतीय थलसेना का इंतजार लंबा हुआ जा रहा है. हेलिकॉप्टर की डिलिवरी अब तक नहीं हुई. अमेरिका ने डिलिवरी की डेडलाइन फिर से मिस कर दी.

स्क्वाड्रन स्थापित हो गया अपाचे ना आए
भारतीय थल सेना ने अटैक हेलिकॉप्टर अपाचे की तैनाती के लिए जगह तय कर ली. उसका स्क्वाड्रन भी स्थापित हो गया लेकिन अभी वह स्क्वाड्रन अपने पहले हेलिकॉप्टर का इंतेजार कर रहा है. पाकिस्तान सीमा पर जोधपुर में 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन में इसकी तैनाती होनी है. साल 2024 की फरवरी में पहली डेडलाइन थी जो जून जुलाई तक बढ़ गई. फिर यह डेडलाइन दिसंबर तक पहुंच गई.अब दिसंबर भी चली गई साल 2025 शुरू हो गया लेकिन हेलिकॉप्टर ना आया.

अपाचे का फ्रेम बन रहा है भारत में
साल 2024 की जनवरी में ही टाटा एडवांसड सिस्टम लिमिटेड और बोईग के ज्वाइंट वेंचर टाटा बोईंग एरोस्पेस लिमिटेड ने सेना के पहले अपाचे का फ्युसलेज यानी की फ्रेम सेना को हैंडओवर किया था. यह फैसेलिटी हैदराबाद में स्थित है. इसके बाद इसे अमेरिका के एरिजोना में बोईंग की फैसिलिटी में भेजा गया जहां दुनिया की तमाम आधुनिक तकनीक और वेपन सिस्टम से लेस कर के थलसेना को सौंप जाना है. इस फैसेलिटी ने अब तक 250 से ज्यादा फ्यूसलेज डिलिवर कर चुकी है.

अपाचे का भारतीय सफर
भारत और अमेरिका के बीच 39 AH 64 अपाचे हेलिकॉप्टर की खरीद को कैबिनेट कमेटी ने मंजूरी दी थी. मंजूरी के बाद साल 2015 में भारतीय वायुसेना के लिए 22 अपाचे की खरीद का करार हुआ. भारतीय वायुसेना को सभी 22 हेलिकॉप्टर मिल चुके हैं. थलसेना के 800 मिलियन डॉलर की कीमत के 6 अपाचे खरीद का करार साल 2020 में किया गया. फरवरी 2024 में पहला अपाचे मिलने की डेडलाइन रखी गई थी. इसके तीन महीने में बाकी बचे 5 अपाचे भारत आने थे. लेकिन अभी तक पहला ही नहीं आया. अपाचे को ऑप्रेट करने के लिए आर्मी एवियेशन कोर के 6 पायलट और 24 लोगों की टैक्निकल टीम की ट्रेनिंग भी पूरी हो चुकी है.

क्यों है अपाचे सबसे खतरनाक?
अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर दुनिया के सबसे ताकतवर हेलिकॉप्टर में शुमार है. इसका इस्तेमाल अफगानिस्तान और इराक सहित कई अन्य कॉंफ्लिक्ट में किया गया है. दो सीट वाले इस हेलिकॉप्टर से हैलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइल दागी जा सकती है. इसमें 30 Mm की एक मशीन गन लगी है. हेलिकॉप्टर में आगे की तरफ एक सेंसर फिट है जिससे यह रात के अंधेरे में भी आसानी के किसी भी अटैक ऑप्रेशन को अंजाम दे सकता है. यह 365 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरते हुए ये किसी भी मौसम और टेरेन में फुल लोड के साथ अटैक कर सकता है. भारतीय सेना के एवियेशन कोर ने अपनी ताकत में इजाफा करते हुए तीन एवियेशन ब्रिगेड स्थापित किए हैं. एक इस्टर्न कमॉड के मिसामारी , दूसरा नॉर्दर्न कमॉड के लेह और तीसरा वेस्ट्रन कमॉड के जोधपुर में स्थापित किया गया है. इन ब्रिगेड से भारतीय थलसेना के यूटिलिटी हेलिकॉप्टर, अटैक हेलिकॉप्टर और यूएवी को ऑप्रेट किया जा रहा है. अटैक हेलिकॉप्टर में अब तक सेना स्वदेशी एडवांसड लाइट हेलिकॉप्टर का वेपेनाइजड वर्जन रूद्र, लाइट कॉंबेट हेलिकॉप्टर प्रचंड के भी शामिल किया है.

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