मुंबई हमले के दोषी आतंकी तहव्वुर राणा को अब घसीट कर लाएगा भारत, ट्रंप के आते ही कमाल, अमेरिकी SC की मुहर
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भारत के लिए शनिवार सुबह अमेरिका से एक अच्छी खबर आई. मुंबई में हुए 26/11 हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्णण का रास्ता साफ हो गया है. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह आदेश जारी किया…और पढ़ें
नई दिल्ली. भारत के लिए शनिवार सुबह अमेरिका से एक अच्छी खबर आई. मुंबई में हुए 26/11 हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्णण का रास्ता साफ हो गया है. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश जारी किया. अब हम इस आतंकी को घसीटकर भारत लेकर आ पाएगा. तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है. वो 26/11 हमलों के आरोपियों में से एक है. भारत लंबे वक्त से अमेरिका से यह मांग करता रहा है कि राणा को भारत को सौंपा जाए. पीएम नरेंद्र मोदी के शासनकाल में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कई मौकों पर जो बाइडेन प्रशासन से राणा को भारत को सौंपने की मांग की थी.
अब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का राज है. राष्ट्रपति बनने के महज एक सप्ताह के भीतर भारत के लिए अमेरिका से गुड न्यूज आई है. भारत के कूटनीतिक प्रयासों के बीच अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का यह बड़ा फैसला सामने आया है. साल 2008 में हुए मुंबई हमलों में 166 से ज्यादा निर्दोष लोग मारे गए थे. करीब 60 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान से बोट पर सवार होकर मुंबई में आए इन आतंकियों को मार गिराया गया था. नवंबर 2024 में तहव्वुर राणा अमेरिका में चली अदालती कार्रवाई को काफी हद तक हार गया था. इसके बाद उसने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने भी यह साफ कर दिया कि तहव्वुर राणा को भारत को सौंपा पाए.
कोर्ट में क्या थी तहव्वुर राणा की दलील?
तहव्वुर राणा ने अपनी याचिका में दावा किया कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले से जुड़े आरोपों में शिकागो की संघीय अदालत ने उसपर मुकदमा चलाया और फिर बरी कर दिया था. कहा गया कि भारत अब शिकागो मामले में ठीक उसी तरह के केस में उसपर फिर से ट्रायल चलाना चाहता है. इसीलिए वो उसका प्रत्यर्पण कराना चाहता है. दलील दी गई कि एक ही केस में दो बार किसी व्यक्ति पर ट्रायल चलाना अमेरिका के कानून के खिलाफ है.
कोर्ट में भारत के साथ खड़ा रहा अमेरिका
दिसंबर 2024 में अमेरिकी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि वो तहव्वुर राणा द्वारा भारत में उसके प्रत्यर्पण से बचने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दे। अमेरिकी रकार इस बात से इत्तेफाक नहीं रखती कि जिस केस में भारत प्रत्यर्पण चाहता है वह सभी इस मामले में अमेरिकी सरकार के प्रॉसिक्यूशन द्वारा कवर किए गए थे. भारत के जालसाजी के आरोप आंशिक रूप से ऐसे आचरण पर आधारित हैं, जिसपर अमेरिका में आरोप नहीं लगाया गया था.
25 जनवरी, 2025, 09:04 IST
मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा को घसीट लाया जाएगा भारत, अमेरिकी SC की मुहर