रोटी के लिए अब और कराहेगा पाकिस्तान! ट्रंप ने आते ही बंद की खैरात, अमेरिका से मिलते थे इतने करोड़
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Donald Trump on Pakistan: पाकिस्तान के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप हमेशा से ही सख्त रहे हैं. ट्रंप का मानना है कि शाहबाज शरीफ का देश एक तरफ आतंकवाद के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की बात करता है. अंदर ही अंदर वो इ…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- ट्रंप ने पाकिस्तान की सिविल सहायता बंद की.
- ट्रंप ने सत्ता संभालते ही उठाया बड़ा कदम.
- अमेरिका के नए राष्ट्रपति पाकिस्तान के खिलाफ सख्त हैं.
नई दिल्ली. भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान कभी कटोरा लेकर आईएमएफ के पास खैरात मांगने पहुंचता है तो कभी अरब देशों के पास. किस्मत देखिए, हर बार किसी ना किसी देश से पाकिस्तान को भीख मिल ही जाती है. इस बार पाकिस्तान की यह भीख मांगने की आदत ज्यादा काम करती नजर नहीं आ रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालते ही एक बार फिर पाकिस्तान के खिलाफ अपना चाबुक चला दिया है. पाकिस्तान को मिलिट्री सहायता तो ट्रंप अपने पहले कार्यकाल के दौरान ही बंद कर चुके थे. अब उन्होंने सिविल सहायता पर भी रोक लगा दी है.
साल 2024 में जो बाइडेन प्रशासन ने पाकिस्तान को सिविल सहायता के रूप में 16 मिलियन डॉलर यानी 138 करोड़ रुपये दिए थे. यह राशि पाकिस्तान की आर्थिक रूप से कमजोर जनता के उत्थान के लिए खर्च की जानी थी. इसी तर्ज पर 2023 और 2022 में पाकिस्तान को अमेरिका से हर साल 80 मिलियन डॉलर यानी 690 करोड़ रुपये मिले थे. ट्रंप शासन ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान हर साल पाकिस्तान को मिलिट्री एड के रूप में मिलने वाले दो बिलियन डॉलर यानी 17,242 करोड़ को बंद कर दिया था. यह रोक बाइडेन शासनकाल के दौरान भी जारी रही.
पाकिस्तान के प्रति सख्त हैं ट्रंप
पाकिस्तान के खिलाफ ट्रंप के इस कदम के बाद तब यह कहा गया था कि पाकिस्तान की फितरत ही धोखा देने की है. वो हर साल अमेरिकी से इतनी मोटी रकम अफगान वार व अन्य कामों के नाम पर लेता है लेकिन असल में वो छलावा करता आ रहा है. इस मदद का गलत इस्तेमाल किया जा रह है. अब ताजा घटनाक्रम के दौरान डोनाल्ड ट्रंप 2.0 ने ना केवल पाकिस्तान बल्कि दुनिया के सभी मुल्कों को मिलने वाली सिविल आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है.
90 दिन के लिए रुकी सहायता
डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को एक व्यापक कार्यकारी आदेश जारी करते हुए 90 दिनों के लिए सभी देशों को सहायता पर रोक लगा दी है. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शुक्रवार को सभी अमेरिकी राजनयिक पदों को एक केबल भेजा, जिसमें यह जानकारी दी गई. ट्रंप के इस कदम से अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) से अरबों डॉलर की फंडिंग पर खतरा मंडरा रहा है.
26 जनवरी, 2025, 09:05 IST
रोटी के लिए और कराहेगा PAK! ट्रंप ने बंद की खैरात, मिलते थे इतने करोड़