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शादी के लिए शुभ मुहूर्त और नक्षत्र कैसे चुनें: ज्योतिषीय मार्गदर्शन

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Wedding Astrology: शादी के शुभ मुहूर्त, नक्षत्र और अन्य ज्योतिषीय पहलुओं पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है. जातक के जन्म माह, माता-पिता के विवाह माह, ग्रहण और गोचर के समय विवाह से बचना चाहिए.

विवाह मुहूर्त में योग का भी ध्यान रखना चाहिए.

शादी के ज्योतिष: आजकल युवाओं में शादी को लेकर बहुत क्रेज है. वह चाहते हैं कि उनकी शादी एक अच्छे दिन, शुभ मुहूर्त, घड़ी में हो. इस बात को लेकर जातक एवं उनके माता-पिता काफी परेशान रहते हैं. वह बड़े-बड़े ज्योतिषी और पंडितों के पास जाकर इस बात का आकलन करते हैं कि किस दिन शादी की जाए. कौन सा शुभ मुहूर्त और नक्षत्र शुभ रहेगा. आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं कि विवाह के समय आपको किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए शुभ मुहूर्त, घड़ी,नक्षत्र, पल आदि जानने के साथ ही आप इन बातों को भी जानने के पश्चात ही विवाह की तारीख तय करें.

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  1. जातक का जन्म जिस माह में हुआ होता है उस माह में उसकी शादी नहीं करनी चाहिए.
  2. जिस माह में जातक के माता-पिता का विवाह होता है उसे माह में भी जातक का विवाह नहीं किया जाना चाहिए.
  3. यदि किसी दंपति को दो या दो से अधिक पुत्र संतान हैं तो बड़े पुत्र की शादी ज्येष्ठ माह में नहीं की जानी चाहिए.
  4. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण से तीन माह पहले एवं तीन माह बाद तक भी शादी विवाह नहीं करने चाहिए.
  5. गोचर के दौरान यदि शुक्र तारा एवं देवगुरु बृहस्पति अस्त हो जाए तब भी किसी का विवाह एवं कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए.
  6. विवाह लगन से 12वीं भाव में शनि दशम भाव में मंगल एवं लगन में राहु अथवा केतु नहीं होने चाहिए. साथ ही यह भी ध्यान देना चाहिए कि उसे दिन चंद्रमा कमजोर स्थिति में ना हो.
  7. पुरुष एवं कन्या की उम्र का भी ध्यान देना चाहिए. पुरुष की उम्र विषम संख्या में हो एवं स्त्री की उम्र सम संख्या में हो.

शादी के मुहूर्त में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. शादी के लिए शुभ माने जाने वाले करण हैं – किस्तुघना, बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज.
  2. शादी के लिए अभिजीत मुहूर्त और गोधूलि बेला का मुहूर्त शुभ माना जाता है.
  3. शादी के लिए द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, एकादशी, त्रयोदशी तिथि शुभ मानी जाती हैं.
  4. शादी के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार शुभ माने जाते हैं.
  5. शादी के लिए रोहिणी, मृगशिरा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, रेवती जैसे नक्षत्र शुभ माने जाते हैं.
  6. शादी के लिए वधू की राशि में बृहस्पति का द्वितीया, पंचम, सप्तम, नवम, एकादश भाव में होना शुभ माना जाता है.
  7. शादी के लिए वर की राशि में सूर्य का तृतीय, षष्ठम, दशम, एकादश भाव में होना शुभ माना जाता है
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