Mauni Amavasya 2025 how long can keep silence fasting know rules of maun vrat
धार्मिक दृष्टिकोण से मौनी अमावस्या के दिन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान, पूजन, तर्पण, दान और मौन व्रत का महत्व है. मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने से आत्मा और मन शुद्ध होता है और साथ ही आध्यात्मिक विकास होता है.
शास्त्रों में मौन व्रत के कई लाभ बताए जाते हैं. मौन व्रत इसलिए भी जरूरी है कि, क्योंकि मन अगर शांत हो तो विचारों में सकारात्मकता आती है. वहीं चंचल मन हमेशा भटकाव की स्थिति उत्पन्न करता है.
आज 29 जनवरी 2025 को माघ महीने की मौनी अमावस्या है. मौनी अमावस्या पर विशेष रूप से मौन व्रत रखने का महत्व है. इस दिन साधु-संत से लेकर आमजन भी मौन व्रत रखते हैं. मान्यता है कि इससे मन शुद्ध होता है.
वैसे तो मौनी अमावस्या पर पूरे दिन मौन व्रत रखना चाहिए. लेकिन पूरे दिन मौन व्रत रखना संभव न हो तो सुबह स्नान के बाद से सवा घंटे तक मौन व्रत रखने का संकल्प ले सकते हैं.
इस बात का ध्यान रखें कि मौन व्रत के दौरान मन में किसी के प्रति क्रोध, ईष्या या लालच भावना न लाएं. मौन व्रत के दौरान नकारात्मक विचारों और भावनाओं के उत्पन्न होने से व्रत खंडित हो सकता है.
मौन व्रत के दौरान किसी शांत और सकारात्मक माहौल में बैठकर ध्यान लगाएं और मन ही मन ही ‘ऊं’ मंत्र का जाप करें.
पर प्रकाशित: 29 जनवरी 2025 08:52 AM (IST)